How many bottles were broken in song lyrics Aa jab tak hai jan?

How many bottles were broken in song lyrics Aa jab tak hai jan?

How many bottles were broken in song Aa jab tak hai jan प्रश्न के जवाब और हां जब तक है जान मैं नाचूंगी सोंग लिरिक्स के साथ जानकारी साझा है। 1975 में प्रदर्शित सदी की सबसे लोकप्रिय फिल्म “शोले” जिसके बारे में जितना कहा जाए कम है। खैर! इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं, जब तक है जान लिरिक्स और यह कि इसमें कितनी बोतलें तोड़ी गई थी।

जब तक है जान जाने जहां लिरिक्स को और इसमें कितनी bottles तोड़ी गई थी? के विस्तृत वर्णन को मनोरंजक तरीके से पेश किया गया है। उम्मीद है आपको पसंद आएगा। चलिए पहले जब तक है जान सोंग लिरिक्स की जानकारी लेते हैं। 

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Sholay movie song lyrics Jab tak hai jan mai nachungi how many bottles were broken?

  • गीत:- जब तक है जान जाने जहां मैं नाचूंगी
  • फिल्म:- शोले (१९७५)
  • गायक:- लता मंगेशकर
  • गीतकार:- आनंद बख्शी
  • संगीतकार:- आर डी बर्मन

शोले मूवी के सोंग लिरिक्स हो जब तक है जान जाने जहां मैं नाचूंगी में कितनी बोतलें फोड़ी गई थी? तो उसका जवाब है, केवल दो। सोंग लिरिक्स जब तक है जान जाने जहां मैं नाचूंगी में कब बोतलें फोड़ी थी उसके लिए नीचे सोंग लिरिक्स के साथ बताया गया है।

Sholay movie song jab tak hai jan lyrics in hindi with intersting facts

ओ…

हाँ… जब तक है जान जाने जहाँ 

मैं नाचूंगी

हाँ… जब तक है जान जाने जहाँ

मैं नाचूंगी

हाँ… जब तक है जान जाने जहाँ

मैं नाचूंगी

हाँ… जब तक है जान जाने जहाँ

मैं नाचूंगी

प्यार कभी भी मरता नहीं

मौत से भी ये डरता नहीं

प्यार कभी भी मरता नहीं

मौत से भी ये डरता नहीं

लूट जाएँगे, मिट जाएँगे मर जाएँगे हम

ज़िंदा रहेगी हमारी दास्तां

हो…जब तक है जान जाने जहाँ

मैं नाचूंगी 

अब बारी आती है बॉटल फोड़ने की। हेमा जी (बसंती) चट्टान पर नाच रही हैं। ताऊ गब्बर अपने सनक भरे चेहरे से मुस्कुराने की कोशिश करते हुए, आंखे चौड़ी कर अपने साथी को इशारा करता है। और पता नही कैसे? उसका साथी समझ जाता है कि इशारे का मतलब बॉटल को बसंती के पैरों में फेंकना है। वाह ताऊ गब्बर, अपने साथियों को किसी ऑपरेशन थियेटर की नर्सो की तरह समझा रखा है। जैसे नर्स डॉक्टर के हाथ आगे करते ही वही चीज पकड़ाती है जिसकी जरूरत है, बगैर डॉक्टर के बताए।

और ताऊ गब्बर का साथी झट से अपने द्वारा खाली की गई बॉटल को बसंती जी के पैरों के पास दे मारता है। हाथ की हाथ दूसरा साथी भी गंगा जी में हाथ धो लेता है और अपनी खाली बोतल भी फेंक देता है। पता नही क्यों? किसी की खूबसूरती पर रीझना और उसे ही टॉर्चर करना। हद है ताऊ गब्बर। खैर! हमे केवल यह बताना था कि जब तक है जान जाने जहां मैं नाचूंगी सोंग लिरिक्स में कितनी बोतलों की आहुति दी गई थी? तो हमने बता दिया कि भाई दो बोतलों का कांच बिछा कर बसंती के प्यार का इम्तिहान लिया गया था। अब आगे के लिरिक्स पढ़िए।

 

टूट जाए पायल तो क्या

पाओं हो जाए घायल तो क्या

टूट जाए पायल तो क्या

पाओं हो जाए घायल तो क्या

दिल दिया है दिल लिया है प्यार किया है तो

देना पड़ेगा मोहब्बत का इंतहा

ओ…जब तक है जान जाने जहाँ

मैं नाचूंगी मैं नाचूंगी

मैं नाचूंगी मैं नाचूंगी

अब इतने सोंग लिरिक्स पर नाचने के बाद बसंती का शरीर जवाब दे चुका है। बेचारी हिम्मत करे  भी तो कितनी? खून भी काफी बह चुका था। पत्थर की चट्टाने बसंती के लहू से रंग गई थी। वह चक्कर खा कर गिर पड़ती है।

परंतु ताऊ गब्बर कहां मानने वाला था। आंखे चौड़ी कर दांत दिखाते हुए सांभा की ओर देखता है। सांभा भी किसी एजुकेटेड नर्स की भांति समझ जाता है कि क्या करना है? अपनी बंदूक में गोली को ठिकाने लगाने लगता है। सांभा की बंदूक की खड़ खड़, बेहोशी की हालत में पड़ी बसंती को सुनती है। वीरू की जान का खतरा है, क्योंकि ताऊ गब्बर द्वारा सांभा को पहले ही दी गई हिदायत कि “अरे ओ सांभा जरा निशाना लगा इस कुत्ते पर।”  बसंती को याद थी। और फिर से नाचने और गाने लगती है।?

ये नज़र झुक सकती नहीं

ये ज़ुबान रुक सकती नहीं

ये नज़र झुक सकती नहीं

ये ज़ुबान रुक सकती नहीं

मैं कहूँगी, गम साहूंगी, चुप रहूंगी क्या

बेबस हू लेकिन नहीं मैं बेज़ुबान

ओ…

जब तक है जान

जाने जहाँ

मैं नाचूंगी

हाँ जब तक है जान जाने जहाँ

मैं नाचूंगी मैं नाचूंगी

मैं नाचूंगी मैं नाचूंगी


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